मध्य प्रदेश भोपाल के प्रोग्रेसिव फार्मर से जानें एक करोड़ का टर्नओवर कैसे जेनरेट करें

एक सफल खेती का सफर: हर्षित गोदारा का परिचय

राम राम भैया! आज हम मध्य प्रदेश के भोपाल में एक प्रोग्रेसिव फार्मर हर्षित गोदारा के फार्म पर आए हैं, जो 1000 स्क्वायर मीटर के पोलिहाउस में खेती कर रहे हैं और सालाना एक करोड़ का टर्नओवर जेनरेट कर रहे हैं। आइए जानते हैं उनके बिजनेस मॉडल और सफलता के पीछे की कहानी।

हर्षित गोदारा का परिचय

हर्षित गोदारा, जिन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ, यूके से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पढ़ाई की है, अब भोपाल में अपनी नर्सरी चला रहे हैं। उनका इजरायल से खास तौर पर अवोकाडो के पौधे मंगवाकर उगाने का अनूठा बिजनेस मॉडल है।

खेती में इंटरेस्ट कैसे आया?

हर्षित ने पढ़ाई के दौरान ही खेती में रुचि लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने देखा कि यूके में अवोकाडो की कीमतें बहुत अधिक हैं और यह फल इजरायल से आता है। इसी ने उन्हें विचार दिया कि क्यों न इस फल की खेती भारत में की जाए। उन्होंने इजरायल जाकर अवोकाडो की खेती की ट्रेनिंग ली और फिर भोपाल में अपनी नर्सरी स्थापित की।

बिजनेस मॉडल और पौधों की विशेषताएं

क्यों खास है हर्षित की नर्सरी?

हर्षित की नर्सरी में इजरायल से मंगवाए गए अवोकाडो के पौधे लगाए जाते हैं। ये पौधे विशेष रूट स्टॉक पर ग्राफ्ट किए जाते हैं, जिससे उनका उत्पादन और जीवनकाल बढ़ जाता है। ये पौधे हाइब्रिड किस्म के होते हैं और जल्दी फल देते हैं।

अवोकाडो की खेती क्यों फायदेमंद?

अवोकाडो की खेती तेजी से बढ़ रही है क्योंकि लोग अब हेल्थ और फिटनेस पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। अवोकाडो की मांग बढ़ रही है, जिससे इसका उत्पादन भी बढ़ रहा है। हर्षित के अनुसार, अगले 20-30 सालों में अवोकाडो की मांग और भी बढ़ेगी।

पोलिहाउस की जानकारी

पोलिहाउस का आकार और लागत

हर्षित का पोलिहाउस 1000 स्क्वायर मीटर का है, जिसमें 160 से 170 पौधे लगाए जा सकते हैं। इन पौधों की कीमत लगभग 3000 रुपये प्रति पौधा होती है। इसके अलावा, ड्रिप इरिगेशन सिस्टम भी लगाया जाता है।

पानी की व्यवस्था

अवोकाडो की खेती में पानी की बहुत जरूरत होती है। हर्षित ने रेनवाटर हार्वेस्टिंग का इंतजाम किया है, जिससे वे 1 करोड़ लीटर पानी स्टोर कर सकते हैं। इससे उनकी खेती में पानी की कमी नहीं होती।

मार्केटिंग और मुनाफा

मार्केटिंग की रणनीति

हर्षित अपने अवोकाडो की मार्केटिंग स्थानीय और राष्ट्रीय बाजारों में करते हैं। उन्होंने बताया कि उनका एक करोड़ का टर्नओवर इसी से आता है।

प्रोडक्शन और मुनाफा

अवोकाडो की फसल तीन साल में फल देना शुरू कर देती है। हर्षित ने बताया कि एक एकड़ में छह टन तक उत्पादन हो सकता है। इसका मतलब है कि अगर सही तरीके से खेती की जाए, तो काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

अवोकाडो की खेती कैसे शुरू करें?

पौधों का चयन

अच्छी क्वालिटी के ग्राफ्टेड पौधे चुनें, जो हाइब्रिड और हाय यील्डिंग रूट स्टॉक पर हों।

पानी की जरूरत

पानी की गुणवत्ता और मात्रा पर ध्यान दें। रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और ड्रिप इरिगेशन का उपयोग करें।

मिट्टी और तापमान

अवोकाडो की खेती के लिए 5 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान और अच्छी मिट्टी की जरूरत होती है।

प्रोडक्शन मैनेजमेंट

तीन साल तक पौधों की देखभाल करें और प्रोडक्शन शुरू होने पर मार्केटिंग पर ध्यान दें।

निष्कर्ष

हर्षित गोदारा की सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि सही प्लानिंग, क्वालिटी पौधों का चयन, और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके खेती में भी करोड़ों का टर्नओवर जेनरेट किया जा सकता है। यदि आप भी खेती में रुचि रखते हैं, तो अवोकाडो की खेती एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।

सभी जानकारी के लिए धन्यवाद और आगे के लिए शुभकामनाएं!

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